- Roodra Group Of Education
- Apr 1, 2022
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Updated: Dec 9, 2022

छोटे से बड़े कार्यों के लिए हमें कंप्यूटर की आवश्यकता होती है. परन्तु क्या आप जानते हैं हर कंप्यूटर का वर्गीकरण एक जैसा डिज़ाइन नहीं किया गया है बल्कि उनके अलग-अलग डिज़ाइन और विशेषताएं हैं.
कुछ कंप्यूटरों में काम करने की क्षमता एवं गति के बहुत अधिक होती है और कुछ धीमी होती हैं. जैसे-जैसे हमारी आवश्यकता बढ़ रही हैं उन्हीं आवश्यकताओं के आधार पर, कंप्यूटर विकसित किए जा रहे हैं.
इस लेख में हम विभिन्न पहलुओं जैसे आकार, कंप्यूटर का अनुप्रयोग, उपयोग की जाने वाली तकनीक इत्यादि पर आधारित कंप्यूटर के वर्गीकरण के बारे में चर्चा कर रहे हैं.
जिनका सक्षिप्त विवरण निम्नवत् है
आकार के आधार पर:-
माइक्रो कंप्यूटर
मिनी कंप्यूटर
मेनफ्रेम कंप्यूटर
सुपर कंप्यूटर
उद्देश्य के आधार पर
विशिष्ट उद्देशीय कम्प्यूटर
सामान्य उद्देशीय कम्प्यूटर
कार्य के आधार पर
एनालॉग कम्प्यूटर
डिजिटल कम्प्यूटर
हाइब्रिड कम्प्यूटर
I. आकार के आधार पर (On the Basis of Size)
जैसा आपको ऊपर बता चुके हैं आकार के आधार पर कम्प्यूटर चार प्रकार के होते हैं, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत् निचे दिया है।
1. माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer) ये कम्प्यूटर इतने छोटे होते हैं कि इन्हें डेस्क पर सरलतापूर्वक रखा जा सकता है। इन्हें कम्प्यूटर ऑन ए चिप (Computer on a Chip) भी कहा जाता है। आधुनिक युग में माइक्रो
कम्प्यूटर फोन के आकार, पुस्तक के आकार तथा घड़ी के आकार में भी उपलब्ध हैं। इन कम्प्यूटरों का उपयोग मुख्यतः व्यवसाय तथा चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है। आजकल ये सभी PC की श्रेणी में आते हैं। PCs को नेटवर्क के रूप में कनेक्ट किया जा सकता है; जैसे— IMAC, IBM PS / 2, APPLE, MAC इत्यादि।
माइक्रो कम्प्यूटर्स निम्न प्रकार के होते हैं
(i) डेस्कटॉप कम्प्यूटर (Desktop Computer)
यह पर्सनल कम्प्यूटर (PC) का सबसे अधिक उपयोग होने वाला रूप है। वर्तमान समय में PCs को छोटा करके आज लैपटॉप और पामटॉप का आकार दे दिया है, फिर भी अधिकांश घरों और व्यापारिक स्थानों पर डेस्कटॉप प्रयोग किए जाते हैं, क्योंकि ये सस्ते, मजबूत और ज्यादा चलने वाले होते हैं।
(ii) लैपटॉप (Laptop)
पिछले वर्षों में हुए तकनीकी विकास ने माइक्रो कम्प्यूटरों का आकार इतना सूक्ष्म कर दिया है कि उन्हें सरलतापूर्वक इधर-उधर ले जाया जा सकता है और साधारण व्यक्ति भी इनको खरीदकर उपयोग में ला सकता है। ऐसे कम्प्यूटरों को लैपटॉप कहा जाता है। लैपटॉप को कभी-कभी Notebook भी कहा जाता है.
(iii) पामटॉप (Palmtop)
यह लैपटॉप की तरह पोर्टेबल पर्सनल कम्प्यूटर है। यह लैपटॉप से भी हल्का और छोटा होता है। यह इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे हाथ में रखकर आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। इसलिए इसे पामटॉप या पर्सनल डिजिटल असिस्टेण्ट (PDA) कहा जाता है।
(iv) वर्कस्टेशन (Workstation)
यह कम्प्यूटर अभियान्त्रिकी, तकनीकी और ग्राफिक्स के कार्यों के साथ-साथ एकल व्यक्ति के साथ पारस्परिक व्यवहार में भी प्रयोग होता है।
2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
मध्यम आकार के इन कम्प्यूटरों की कार्यक्षमता तथा कीमत दोनों ही माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना में अधिक होती है। इस प्रकार के कम्प्यूटरों पर एक या एक से अधिक व्यक्ति एक समय में एक से अधिक कार्य कर सकते हैं। इनका उपयोग प्रायः छोटी या मध्यम स्तर की कम्पनियाँ करती हैं।
ये सेण्ट्रल कम्प्यूटर की तरह प्रयोग होते हैं, जिसे सर्वर कहा जाता है। जैसे— HP 9000, RISC 6000, BULL HN-DPX2 और AS 400 आदि।
3. मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
ये कम्प्यूटर आकार में अत्यधिक बड़े होते हैं। ये कम्प्यूटर कार्यक्षमता और कीमत में भी मिनी तथा माइक्रो कम्प्यूटर से अधिक होते हैं। अधिकतर कम्पनियों में मेनफ्रेम कम्प्यूटरों का उपयोग भुगतानों का ब्यौरा रखने, बिलों को भेजने, कर्मचारियों का भुगतान करने, उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी वस्तुओं का ब्यौरा रखने इत्यादि कार्यों में किया जाता है; जैसे— CDS-CYBER, IBM 4381, ICL 39, UNIVAC-1110 आदि।
4. सुपर कम्प्यूटर (Super Computer)
ये कम्प्यूटर सर्वाधिक गति, संग्रह क्षमता एवं उच्च विस्तार वाले होते हैं। इनका आकार एक सामान्य कमरे के बराबर होता है। विश्व का प्रथम सुपर कम्प्यूटर ‘क्रे रिसर्च कम्पनी’ द्वारा वर्ष 1976 में विकसित क्रे-1 (Cray-1) था। भारत द्वारा निर्मित प्रथम सुपर कम्प्यूटर का नाम परम (PARAM) है, इसका विकास C-DAC ने पुणे में किया है। भारत में देश का सबसे तेज़ और पहला मल्टीपेटाफ्लोप्स सुपर कम्प्यूटर 8 जनवरी, 2018 को पुणे में स्थापित किया गया था। इसका नाम प्रत्यूष (Pratyush) रखा गया एवं इसकी क्षमता 6.8 पेटाफ्लोप है।
शेष अगले ब्लॉग में हम अधय्यन करेंगें :-
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